देहरादून-पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी देहरादून द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला जिसमें पर्वतों पर संकट, जलवायु परिवर्तन और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जल संसाधनों की सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।यह कार्यशाला संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG-6) स्वच्छ जल और स्वच्छता तथा (SDG-13) जलवायु कार्यवाही के अंतर्गत आयोजित की गई।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में
डॉ शक्ति सुर्य वंशी वैज्ञानिक सी, पर्यावरणीय जलविज्ञान प्रभाग,राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की,
डॉ एम पी सिंह प्रोफेसर प्रबंधन अध्ययन विभाग,ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी देहरादून तथा
डॉ दीपक खरे प्रोफेसर एच ए जी जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आई आई टी रुड़की द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए।इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति डॉ नर्पिंदर सिंह तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने भी व्याख्यान दिए।यह कार्यशाला जलवायु परिवर्तन के प्रभाव,जल संसाधनों की सुरक्षा तथा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के उपायों पर केंद्रित रही।इस व्याख्यान में श्री कर्नाटक ने अपने विचार रखते हुए चिंता व्यक्त की कि हिमालयी राज्यों में जलवायु परिवर्तन से उक्त क्षेत्रों में जो परिवर्तन हो रहा है एवं आपदा आ ही रही है जिसका दुष्परिणाम मैदानी क्षेत्रों को भी भुगतना पड़ रहा है,उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन क्षेत्रों में किए जाने वाले हर कार्य में विशेषज्ञ वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग कर इन आपदाओं से निपटने का प्रयास किया जाना चाहिए।कार्यशाला में उपस्थित वैज्ञानिकों ने ग्लेशियरों एवं पर्वत श्रृंखला में आ रहे परिवर्तनों को लेकर भी विचार व्यक्त किए और समय रहते हुए इन सब जलवायु परिवर्तनों के ऊपर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।

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