बागेश्वर-एम्स की स्थापना बागेश्वर में करने के लिए कपकोट के युवाओं ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन भेजा।इस अवसर पर स्थानीय गंगा सिंह बसेड़ा ने कहा कि विगत दिनों केंद्रीय प्रवास (दिल्ली )के दौरान मुख्यमंत्री कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ हर्षवर्धन से बात की है एवं उन्होंने भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है ।हम सभी कुमाऊं मंडल वासियों की ओर से इस दूरदर्शी सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हैं।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय जनपदों की शिक्षा एवं चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार के लिए हुई है और यही सपना उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने भी देखा था कि पहाड़ी राज्य के रूप में ही उत्तराखंड उभर कर सामने आए।सरयू और गोमती के संगम पर बसा जिला बागेश्वर अपने आप में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक नगरी रहा है इसके अलावा कुली बेगार आंदोलन के उन्मूलन के लिए भी प्रसिद्ध है।जिस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष उत्तरायणी मेले का आयोजन भी इसी पावन धरती पर किया जाता है।इसलिए अगर एम्स की स्थापना बागेश्वर जिले में की जाती है तो यह सच्चे अर्थों में पहाड़ी क्षेत्रों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की ओर एक क्रांतिकारी कदम होगा।बागेश्वर में एम्स की स्थापना इसलिए भी आवश्यक हो जाती है क्योंकि बागेश्वर में पहुंचने के लिए पिथौरागढ़ अल्मोड़ा,चमोली आदि जिलों से भी न्यूनतम दूरी तय करनी पड़ती है।पर्वतीय जिलों की अपेक्षा मैदानी जिलों में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं अच्छी होने के कारण हम सभी उम्मीद करते हैं कि जरूर पर्वतीय जिला बागेश्वर में एम्स की स्थापना करके आप पर्वतीय जिलों की प्राथमिकता को सबके सम्मुख रखने का प्रयास करेंगे।कुमाऊं मंडल के निवासी यह महसूस कर रहे हैं कि उत्तराखंड पृथक राज्य की स्थापना के पीछे जो और अवधारणा स्पष्ट की गई थी वह आपके नेतृत्व में सफलता की ओर बढ़ते हुए दिखाई दे रही है।ज्ञापन देने वालों में कपकोट से गंगा सिंह बसेड़ा,विनोद कपकोटी,गजेंद्र कपकोटी,दीपक कपकोटी,लोकेश कपकोटी सम्मलित रहे।
