अल्मोड़ा-सोमेश्वर थाना क्षेत्र का दुर्गम ग्राम कांटली जो सोमेश्वर से लगभग 30 किमी दूर है तथा पिनाकेश्वर के जंगलो से लगा हुआ है।जहाँ नेपाली मूल के एक व्यक्ति कर्ण बहादुर खत्री अपने तीन नाबालिग बच्चों के साथ रहता है,इन तीनो बच्चों की माँ 2 वर्ष पूर्व इनको छोड़ कर कही चली गयी है, दिनांक 22.11.2022 को कर्ण बहादुर ने किसी बात पर अपने बच्चों को डाँटा-फटकारा,जिससे बच्चे नाराज होकर घर से नेपाल जाने की योजना बना रहे थे,दिनांक 22.11.2022 को बच्चों का पिता कर्ण बहादुर काम पर निकला तो बच्चों ने मौका देखकर घर से निकलने की सोची और घर से अपने पड़ोसी जगदीश राम की 10 वर्षीय बेटी को साथ लेकर पिनाकेश्वर के जंगलो की ओर निकल पड़े,शाम के समय करीब 5.00 बजे जब कर्ण बहादुर काम से घर लौटा तो अपने बच्चों को घर पर न पाकर घबरा गया। आस पड़ोस में पूछताछ की तो पता चला की पड़ोसी जगदीश राम की बेटी भी घर से गायब है।बच्चों के परिजनों व गाँव के लोगों ने आस पास काफी ढूंढ खोज की परन्तु कही कुछ पता नही चल पाया।अंततः थक हारकर कर्ण बहादुर खत्री व जगदीश राम ने थाना सोमेश्वर में अपने बच्चों के बिना बताये घर से गुम होने की सूचना थानाध्यक्ष सोमेश्वर को दी।थानाध्यक्ष सोमेश्वर द्वारा तत्काल घटनाक्रम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा को अवगत कराया गया,चार बच्चों का एक साथ गायब हो जाना अतिसंवेदनशील मामला था।परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था।मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा द्वारा सोमेश्वर थानाध्यक्ष विजय नेगी को तत्काल टीमों का गठन कर बच्चों की तलाश करने हेतु आदेशित किया गया।थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी द्वारा बिना समय व्यर्थ किये स्वयं एवं म0उ0नि0 मोनी टम्टा के नेतृत्व में 2 अलग अलग टीमों का गठन कर बच्चों की तलाश हेतु काँटली व पिनाकेश्वर के जंगलों में सघन कांबिंग अभियान चलाया।इस दौरान जंगल से पुलिस टीम को बाघ की गुर्राने की आवाज भी सुनाई दी, जिस पर पुलिस टीम को भी बच्चों के साथ किसी अनहोनी की आशंका होने लगी,पुलिस टीम बच्चों की ढूढ खोज अभियान को जारी रख जंगल में आगे को बढते रही,तभी पुलिस टीम को दूरस्थ एक टैन्ट लगा हुआ दिखा,जहाँ पुलिस टीम ने जाकर देखा तो टैन्ट के अन्दर एक चारपाई रखी थी जिसके नीचे चारों बच्चे डरे सहमे छुपे हुये थे पुलिस टीम ने प्यार दुलार से बच्चों को अपने पास लिया और बच्चों से पूछताछ की तो बच्चों ने बताया कि वह अपने नानी के घर नेपाल जाने के लिए घर से निकले थे,जंगल में आते आते रास्ता भटक गये थे और उन्हें एक बाघ दिखाई दिया जिसे देखकर हम काफी डर गये।जंगल में हमें टैन्ट दिखाई दिया तो हम बाघ के डर से टैन्ट में रखे चारपाई के नीचे छुप गये थे।बच्चे काफी भूखे व डरे हुए थे,बच्चों ने बताया कि रात से ही बाघ उनके टैन्ट के आस पास ही घूम रहा था तथा कुछ देर टेन्ट के आगे बैठा भी था।थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी व पुलिस टीम ने बच्चों को अपने साथ लेकर सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया।अपने बच्चों को सकुशल वापस पाकर परिजन अत्यधिक प्रसन्न हुये और उनकी आँखो से खुशी के आँसू छलक उठे।सोमेश्वर पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक की गयी कार्यवाही की परिजनों व प्रत्यक्षदर्शियों ने सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा द्वारा सोमेश्वर पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई के लिए पूरी पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।अल्मोड़ा पुलिस का जनपद की सम्मानित जनता से अनुरोध है कि अपने बच्चों को प्यार-दुलार से रखें, उनकी मानसिक स्थिति को समझते हुए उनसे व्यवहार करें।पुलिस टीम में टीम प्रथम में थानाध्यक्ष सोमेश्वर विजय सिंह नेगी,कॉन्स्टेबल अरविंद सिंह थाना सोमेश्वर,कॉन्स्टेबल कुलदीप थाना सोमेश्वर,कांस्टेबल सूरज थाना सोमेश्वर,एचजी भुवन नाथ थाना सोमेश्वर,टीम द्वितीय में म0उ0नि0 मोनी टम्टा,थाना सोमेश्वर,एचसीपी विपिन जोशी डॉयल 112,कांस्टेबल श्रवण सैनी थाना सोमेश्वर,कांस्टेबल वेद प्रकाश थाना सोमेश्वर,कांस्टेबल कुंदन वर्मा डॉयल 112,एचजी दीपक कुमार थाना सोमेश्वर शामिल रहे।

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