अल्मोड़ा-मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शिक्षा निदेशालय व प्रांत के खिलाफ दिनांक 17-3-2024 को आहूत बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया तथा शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा व प्रांत की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया। वक्ताओं ने कहा कि जनवरी माह में सुगम से सुगम स्थानांतरण हेतु शासन द्वारा शासनादेश जारी किया और फरवरी माह में संबंधित सदस्यों द्वारा पारस्परिक स्थानांतरण हेतु शिक्षा निदेशालय को आवेदन पत्र उपलब्ध करायें लेकिन शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों द्वारा ठोस आश्वासन के बाद भी मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पारस्परिक स्थानांतरण नहीं किए। उल्लेखनीय है कि एक्ट के कारण वर्ष 2018 से जनपद से बाहर तैनात किए मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को सुगम से सुगम स्थानांतरण की सुविधा माह जनवरी में मिली और लगभग 6 वर्ष गृह जनपद से बाहर तैनाती के बाद भी अंतिम समय में स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किए। वर्ष 23 में शासन द्वारा सुगम से दुर्गम,दुर्गम से सुगम व दुर्गम से दुर्गम पारस्परिक स्थानांतरण के आदेश जारी किए और सुगम से सुगम हेतु शासनादेश एक वर्ष बाद जारी किया उसका लाभ भी निदेशालय द्वारा नहीं दिया गया और प्रांत द्वारा भी ढुलमुल रवैया अपनाया गया और सख्त रूख अख्तियार नहीं करने के कारण निदेशालय द्वारा जनपद व मंडल को कोशिश को भी बेअसर कर दिया।मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों में निदेशालय के अधिकारियों व प्रांत के खिलाफ जबरदस्त रोष व्याप्त है और उनकी कार्यशैली के कारण अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया।आहरण वितरण अधिकार के संबंध में भी पूर्व में राजाज्ञा है कि पांच वर्ष राजपत्रित अधिकारी के पद पर कार्य करने पर आहरण वितरण अधिकार दिए जाते हैं लेकिन फैडरेशन द्वारा भी अपने लैटर पैड पर राजपत्रित अधिकारी के पद पर 5 वर्ष की सेवा न लिखकर केवल मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को ही 5 वर्ष की सेवा में आहरण वितरण हेतु लिखा और शासन ने ऐसा ही शासनादेश जारी कर दिया गया जिससे 5 वर्ष राजपत्रित पद पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर सेवा पूर्ण कर चुके सदस्य आहरण वितरण अधिकार से वंचित हो गए फैडरेशन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए आखिर ये पदाधिकारी किसकी पैरवी कर रहे हैं और पैड पर बिना सोचे समझे लिख देते हैं।शासनादेश में बिन्दुओं पर सुधार करने के लिए पत्र व्यवहार हेतु मुख्य प्रशासनिक अधिकारी टेचन कुमार प्रजापति की अधिकृत कर दिया गया है।संगठनों द्वारा विगत तीन माह से सुनवाई न करने व ढुलमुल रवैए को देखते हुए मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री,शिक्षा सचिव व कार्मिक सचिव,मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया है। जब संगठन पैरवी नहीं करता है तो सदस्यों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाना ही होगा।उम्र के अंतिम पड़ाव में भी निदेशालय व प्रांत की बेरुखी से सभी मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों में रोष व्याप्त हो गया है माह जून में हर हाल में पारस्परिक स्थानांतरण के लिए संघर्षरत रहने की बात कही गई है। वर्चुअल बैठक में टेचन कुमार प्रजापति जे डी आर्य,हर्ष सिंह बिष्ट,श्रीमती देवकी बिष्ट,श्रीमती ऊषा रानी,खीमानंद गहत्याड़ी,रमेश नैनवाल,श्रीमती गीता जोशी,श्रीमती सुशीला रावत,के डी जोशी,हेमेंद्र जोशी उपस्थित थे।टेचन कुमार प्रजापति ने कहा कि वह 2017 से ही मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के अधिकारों के लिए संघर्षरत है और संगठनों द्वारा कोई साथ नहीं दिया जा रहा है और शासन स्तर पर भी पर्याप्त पैरवी नहीं कर रहे हैं इससे सदस्यों में भारी रोष व्याप्त है इसी कारण मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ग्रुप बनाया गया है जिसके माध्यम से मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के हकों की मांग की जा रही है।धीरेन्द्र कुमार पाठक मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा अधिकारियों को ससमय कार्य का निस्तारण करना चाहिए।शिथिलीकरण का लाभ व पदोन्नति के लिए अभी से रोड मैप तैयार करना होगा अन्यथा आचार संहिता इसे भी लील सकती है। श्री पाठक ने दोनों मंडलों के पदाधिकारियों से भी आगे आने का आह्वान किया है।एक्ट के बाबजूद उसका उल्लंघन शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।विभाग में ही दूसरे संवर्ग में सूची जारी होती है लेकिन इस सूची को रोक दिया जाता है यह निदेशालय का दोहरा व्यवहार उचित नहीं है।पूरे प्रकरण की जांच के लिए मानवाधिकार आयोग को भी लिखा जायेगा।जे डी आर्य ने कहा कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों का सम्मान बनाये रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। सुशीला रावत , देवकी विष्ट ने कहा कि हमारे साथ विश्वासघात किया गया है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्री रमेश नैनवाल ने कहा कि जब भी उनकी आवश्यकता जहां भी होगी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।श्रीमती उषा रानी ने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।हर्ष सिंह बिष्ट मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि राजपत्रित पद पर 5 वर्ष की सेवा पर आहरण वितरण अधिकार देना चाहिए और इसका शासनादेश भी है।के डी जोशी ने कहा कि उनका कार्यकाल कम है वे भी गृह जनपद से वंचित रह गए हैं।खीमानंद गहत्याड़ी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि मेडिकल जाने पर मेडिकल तत्काल स्वीकृत होना चाहिए और किसी भी दशा में वेतन अवरूद्ध नहीं होना चाहिए।बैठक की अध्यक्षता हेमेंद्र जोशी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व संचालन धीरेन्द्र कुमार पाठक ने किया।

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