अल्मोड़ा-पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन जनपद अल्मोड़ा में प्रांतीय कार्यकारिणी के आहवान पर आज एक अक्टूबर को काला फीता बांधकर पेंशन बहाल करवाने की लड़ाई के लिए शिक्षक कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर सरकार के सामने विरोध दर्ज किया गया।क्योंकि उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2005 से उत्तराखंड के कर्मचारियों पर न्यू पेंशन स्कीम थोप दी गई थी।जबकि 1 जनवरी 2004 से पूर्व के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है।उसके पश्चात भारत एवं उत्तराखंड के जितने भी कर्मचारी हैं उन्हें पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया गया है।पूरे भारत के शिक्षक/कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करवाने को लेकर लंबे समय से आंदोलित व आक्रोशित हैं।एनएमओपीएस संगठन उत्तराखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 70 संगठनों के समर्थन से इस सामुहिक शिक्षक/कर्मचारियों की मांग की लड़ाई लड़ रहा है।साथ ही उत्तराखंड के सैकड़ों जनप्रतिनिधि समाजसेवी वरिष्ठ नागरिकों ने लिखित समर्थन पत्र इस संगठन को दिया है।संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि अपनी मांग को मनवाने के लिए हम चरणबद्ध तरीके से अपने आंदोलन को अंजाम दे रहे हैं।गांधी जी के बताए गए रास्तों के आधार पर चलकर हम अपने आंदोलन को गति दे रहे हैं।आज जनपद अल्मोड़ा के समस्त शिक्षक/कर्मचारियों द्वारा काला फीता बांधकर न्यू पेंशन स्कीम का विरोध किया गया एवं पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।शिक्षक/कर्मचारियों कहना है कि हमारे वेतन का कटा हुआ पैसा जो हमको पेंशन के रूप में प्राप्त होना था सरकार उसे भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के माध्यम से शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है।जिसके नतीजे हैं कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को एक हजार से 15 सौ रुपए तक की धनराशि मिल रही है।जो कि कर्मचारियों के साथ सरासर धोखा है।जिलाध्यक्ष गणेश भण्डारी द्वारा कहा गया कि पुरानी पेंशन खत्म शिक्षक/कर्मचारियों के साथ धोखा है और एक लोककल्याण कारी सरकार की कल्पना भारतीय संविधान मे की गयी है उस संकल्पना को सरकार को धरातल पर लाना चाहिए एवं पुरानी पेंशन अविलंब बहाल करनी चाहिए।जिला मंन्त्री भुपाल चिलवाल द्वारा कहा गया कि विधानसभा चुनावों से पहले शिक्षक/कर्मचारियों की इस जायज मांग को पूरा करना चाहिए।पूरे जिले में पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिक्षक/कर्मचारियों द्वारा आज के दिन जो नयीं पेंशन व्यवस्था थोपी गयी थी उसका विरोध किया गया।जिला कोषाध्यक्ष दीपक तिवारी,प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य धीरेंद्र पाठक,संरक्षक डां मनोज जोशी,सचिन टम्टा,मीनाक्षी जोशी, कमला बिष्ट,कीर्ती चटर्जी,पूरन भोज,पुष्कर भैसोड़ा,नितेश काण्डपाल,राजू माहरा,गणेश पाठक, नवीन जोशी,कुलदीप जोशी,जगदीश भण्डारी,किशोर जोशी,मोहन जोशी सहित कलेक्ट्रेट भवन,विकास भवन, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहित अल्मोड़ा जनपद के विभिन्न विद्यालयों एवं कार्यालयों में शिक्षक/कर्मचारियों द्वारा नयी पेंशन व्यवस्था का विरोध किया गया।