अल्मोड़ा-एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का मामला संज्ञान में आया है जिसमें 56 लोगों को नियुक्ति दी गई है।बिना शासनादेश के उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति अपने बयान जारी करते हैं कि मेरे पास कोई शासनादेश की कॉपी नहीं है और उच्च शिक्षा मंत्री कहते हैं कि मेरे संज्ञान में भी यह मामला नहीं है।आखिर यह हो क्या रहा है?डबल इंजन के राज में जहां एक तरफ बेरोजगारी चरम सीमा पर है और यह लोग मौखिक रूप से विद्वान साथियों अथवा अभ्यर्थियों को दरकिनार करके अपने चहेतों को फर्जी तरीके से युक्तियां देने का काम कर रहे हैं जो कि निंदनीय है और इसकी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन कड़ी निंदा करता है और सभी जिलों में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन प्रदर्शन करेगा और उच्च स्तरीय जांच की बात करेगा।उन्होंने कहा कि यह तानाशाही रवैया अफसरशाही का है।उस पर नकेल कसने के लिए कार्यवाही की मांग की जाएगी।उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में कॉलेज स्तर में चाहे वह उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हो चाहे वह कुमाऊं विश्वविद्यालय हो चाहे वह सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय चाहे वह प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय हो लगातार अपने लोगों को गुप्त तरीके से नियुक्तियां देने का देने का काम चल रहा है।उन्होंने कहा कि बहुत जल्द हम इसके लिए उग्र आंदोलन करेंगे।कॉलेज स्तर में जो भ्रष्टाचार व्याप्त है उस पर लगाम लगनी चाहिए।सारे कॉलेज स्तरों में जिस प्रकार की राजनीति हो रही है वो किसी से छुपी नहीं है और एक तरफ भाजपा शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का काम कर रही है और दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में चुपचाप नियुक्तियां दे रही है जो गंभीर मामला है।उन्होंने कहा कि हम सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।अन्य विश्वविद्यालयों में भी अनुभव कम होने के बाद भी कुलपति नियुक्त किए गए हैं यह तानाशाही रवैया है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।