अल्मोड़ा-सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और समूचे कुमाऊँ की सबसे प्राचीन एवं ऐतिहासिक रामलीला श्री नंदादेवी रामलीला के षष्ठम दिवस की रामलीला में खाचाखच दर्शकों की भीड़ के बीच सूर्पनखा प्रसंग,सूर्पनखा नासिका छेदन,त्रिसरा प्रसंग,त्रिसरा वध,खर दूषण प्रसंग और खर दूषण वध की प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ मंचित की गईं।त्रिसरा का जीवंत और प्रभावशाली अभिनय परितोष जोशी ने किया।सुर्पनख़ा का सुन्दर अभिनय और नृत्य सुनील तिवारी सैम और दिव्यांशु जोशी ने किया।सभी पात्रों के अभिनय को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।लीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी,विशिष्ट अतिथि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी,जिला बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष शेखर लखचौरा,होटल एसोसिएशन अध्यक्ष अरुण वर्मा,पूर्व दर्जा राज्य मंत्री पूरन रौतेला,वरिष्ठ रंगकर्मी राजेंद्र तिवारी, डॉ अविनाश मंगा, डॉ प्रतिभा मंगा, अधिवक्ता हिमांशु मेहता, पार्षद पूनम त्रिपाठी,पार्षद मीरा मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। कमेटी के अध्यक्ष और लाला बाजार वार्ड के पार्षद कुलदीप सिंह मेर, संयोजक वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश पांडे व अन्य कमेटी के सदस्यो ने अतिथियों को राम प्रसादी भेंट स्वरूप प्रदान की। संचालन का दायित्व कमेटी के सचिव और नंदादेवी वार्ड के पार्षद अर्जुन सिंह बिष्ट ने निभाया।मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी ने सभी राम भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। रामलीला हमें माता-पिता की आज्ञा का पालन करना, वचन की मर्यादा निभाना और सभी के प्रति करुणा और न्याय रखना सिखाती है।राम, भरत, लक्ष्मण, सीता आदि पात्रों से हमें परिवार के प्रति समर्पण, त्याग और प्रेम का आदर्श मिलता है। भरत का राम के लिए त्याग, लक्ष्मण की सेवा भावना, और सीता का धैर्य हमें आदर्श व्यवहार सिखाते हैं। रामलीला मंचन का शुभारंभ श्रीराम स्तुति से हुआ।लीला प्रारंभ होने से पूर्व छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। सरस्वती का अभिनय जीविका पाठक ने किया, जबकि वंदना में हर्षिता पांडे, अंजलि थापा, कनिष्का पांडे, सृष्टि उप्रेती कोमल कांडपाल, मानवी बोरा, काव्या कांडपाल ने अपनी प्रस्तुति दी।
संगीत में हारमोनियम पर कमेटी के निर्देशक मोहन जोशी तबले पर शेखर सिजवाली, मजीरे पर अर्जुन बिष्ट, बांसुरी पर अनिल कुमार ने सहयोग दिया। सुर्पनख़ा गायन पुष्पा रौतेला ने किया।राम की भूमिका द्रोण नेगी, लक्ष्मण- अविरल जोशी, सीता- किरन परगाई, सुर्पनख़ा सुनील तिवारी सैम और दिव्यांशु जोशी, नकटी प्रेम, त्रिसरा परितोष जोशी, त्रिसरा मंत्री संजय जोशी और हिमांशु परगाई, खर सुमित साह, दूषण वरुण साह, खर दूषण मंत्री अंजन बोरा, मारूत साह और साथियो ने निभाई। खर दूषण मंत्री अंजन बोरा ने हास्य व्यंग कर दर्शकों को खूब हँसाया।पात्रों का मेकअप दानिश और राजू शर्मा द्वारा किया गया। मंच पूजन नंदादेवी मंदिर के मुख्य पुजारी तारा दत्त जोशी ने संपन्न किया।मंच सज्जा में अतुल वर्मा, महेंद्र बिष्ट, संदीप साह, राजकुमार बिष्ट, कविश अरोरा, जगदीश बिष्ट, राजेश पंत, जगदीश भंडारी, लोकेश तिवारी ने बहुत ही छाया चित्र के माध्यम से और शानदार पंचवटी, त्रिसरा और खर दूषण दरबार सेट आदि का निर्माण कर लीला में चार चाँद लगा दिए।पर्दे के पीछे रामलीला के निर्देशक गणेश मेर ने पात्रों को क्रमबद्ध तरह से मंच में भेजने में अपना सहयोग प्रदान किया गया।पात्रों को तैयार करने में हरीश बिष्ट, प्रकाश जोशी और चंद्र मोहन परगाई ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंचन का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया नमन बिष्ट द्वारा किया गया।माँ नंदादेवी मंदिर प्रांगण में लीला का आनंद लेने आए दर्शकों को सुव्यवस्थित रूप से बैठाने में राजेश पालनी और कमेटी के कोषाध्यक्ष धनंजय साह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कार्यक्रम में नंदादेवी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मनोज वर्मा, उपाध्यक्ष एवं महानगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, रामलीला कमेटी के संयोजक प्रकाश पांडे, वरिष्ठ पत्रकार अनिल सनवाल, अनूप साह, संजय साह, सुभाष अग्रवाल, हरि विनोद साह, राजेंद्र रौतेला, शशि मोहन पांडे, गोलू भट्ट, पंकज परगाई, दया कृष्ण परगाई, वरिष्ठ रंगकर्मी सुन्दर बोरा, दीक्षा हरबोला, अमित उप्रेती, जगदीश वर्मा, संगीता पांडे, पूनम पाठक, भावना पांडे, मीनाक्षी हरबोला, भावना पांडे, संजय जोशी, संदेश नेगी, पार्थ पांडे, आयुष वर्मा, चित्रांक साह, मानवेंद्र साह, वरुण साह, सिद्धार्थ साह, सुमित साह, परीक्षित साह, गिरीश परगाई, हर्षवर्धन पांडे, मानवेन्द्र साह, गोपाला साह, मारूत साह सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

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