अल्मोड़ा-आज नगर व्यापार मंडल द्वारा एक बैठक आहूत की गई। जिसमे कहा गया कि नगर पालिकाध्यक्ष,अधिशाषी अधिकारी से बार बार कोरोना काल में बंद दुकानों का किराया माफ करने के लिए निवेदन किया गया था पर उनके द्वारा बोल्ड बैठक में भी इस विषय पर कोई कार्यवाही नही की गई।ना ही किसी के द्वारा कोई प्रस्ताव लाया गया।व्यापार मंडल द्वारा कहा गया की जिस नगर पालिका को व्यापारी सभी प्रकार के कर देता है और पालिका की आय का मुख्य श्रोत है,बार बार आग्रह करने पर भी व्यापारियों की मांगों की अनदेखी की जाती है।बार बार पालिका अध्यक्ष,अधिशाषी अधिकारी से आग्रह करने के बाद भी पालिका की बोर्ड बैठक में कोई भी व्यापारियों के हित में निर्णय लेना तो दूर उस मुद्दे को भी नही उठाया गया।जबकि सभी को व्यापर मंडल द्वारा ज्ञापन,दूरभाष के माध्यम से निवेदन किया जाता रहा है।फिर भी व्यापारियों की तरफ सब आंख मूंद के बैठे है।लगातार आग्रह करने पर भी इनके कान में कोई जूं नहीं रेंगती।जबकि व्यापारी हमेशा नगर पालिका को सहयोग करता है।ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापारी इनके लिए सिर्फ एक वोटर है जिनकी याद केवल चुनाव के समय आती है।अगर स्थानीय पालिका अध्यक्ष,अधिशाषी अधिकारी और कुछ सभासदों द्वारा ऐसा सौतेला व्यवहार नगर के व्यापारियों के साथ किया जाता है तो भविष्य में जन प्रतिनिधि भी व्यापारियों से किसी भी सहयोग की आशा बंद कर दे।भविष्य में भी हम एक दूसरे के घोर विरोधी रहेंगे।जल्द ही व्यापारियों की नहीं सुनी गई तो नगर पालिका के खिलाफ एक उग्र आंदोलन किया जाएगा जो व्यापारियों को सिर्फ अपना वोटर समझते है और उनके प्रति कोई कर्तव्य नहीं समझते तो व्यापारियों से सहयोग की आशा छोड़ दे।यदि पालिका की ठेके में दी गई पार्किंग का किराया कम किया जा सकता है तो व्यापारियों के किराए में कोई कमी या माफी क्यों नहीं की जा सकती है।इसके जवाब पालिका को देने पड़ेगें।