अल्मोड़ा-सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला के नेतृत्व में अल्मोडा नगर के विभिन्न वार्डो से एक प्रतिनिधि मंडल ने उप जिलाधिकारी अल्मोड़ा से नगर में विकास के नाम पर हो रहे विभिन्न कार्यों में घोर लापरवाही,उदासीनता व हो रहे कार्यो में तकनीकी खामियों को लेकर वार्ता कर नगर में हो रहे विकास कार्यो की समीक्षा कर उन्हें दुरस्त करने की पुरजोर मांग की।किरौला ने कहा इन विकास के कार्यों से जहाँ अल्मोड़ा वासियों को राहत मिलनी चाहिए,दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन विकास कार्यो के कारण अल्मोड़ा की आमजनता की जान पर बन आयी है।बिंदुवार अल्मोडा नगर की समस्या उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी के समक्ष रखी गयी,साथ ही नगर की जनता ने समाधान देते हुए मांग की गयी।कहा गया कि जोशीमठ जैसी आपदा के सबक लेते हुए शासन द्वारा चयनित 500 साल पुराने ऐतिहासिक व सांस्कृतिक नगर अल्मोड़ा को 18 करोड़ की लागत से बनने वाले ड्रेनेज सिस्टम की सौगात दी ताकि अल्मोडा नगर को पूर्ण रूप से पानी के सीपेज से बचाया जा सके,किंतु दुर्भाग्य है कि कार्यदायी संस्था की घोर लापरवाही,कार्य के प्रति उदासीनता व तकनीकी उच्च कौसल की कमी का नतीजा है कि कार्य तय समय से पूर्व केवल 18-20 प्रतिशत हो पाया है।1 महीने में बरसात प्रारम्भ हो जाएगी,अल्मोड़ा की जनता मांग करती है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्यवाही की जाए।कहा गया कि अल्मोडा नगर में बन रही सीवर लाईन में गुणवत्ता की घोर कमी देखी जा रही है।लोगो का कहना है कि रास्तो के बीच मे खोदी गयी सीवर लाइन के कारण उनके घरों में रिस कर पानी व मलवा आ गया जो सीवर लाइन बनने से पूर्व नही आता था,जिस कारण अनेको मकान खतरे की जद में आ गए है,इस अत्यंत गभीर समस्या का तत्काल समाधान किया जाए।विनय किरौला ने कहा इस तरह के निर्माण कार्यो से पूर्व अल्मोडा नगर की मट्टी की भार-सहन करने की क्षमता की जांच हो,ताकि ऐसा न हो कि एक तरफ विकास कार्य हो ओर दूसरी तरफ सीपेज आदि की समस्या के कारण लोगो के घरों में पानी आ आए।कहा कि कुछ दिन पूर्व हुई बारिश हुई बरसात ने करोड़ों की लागत से बने इंटकवेल व फ़िल्टर जवाब दे गए।
विनय किरौला ने कहा कि अधिशासी आभियंता जल संस्थान से हुई पानी की आपूर्ति व पिछले 5 दिनों से आ रहे मटमैले पानी को लेकर आपत्ति जताई तो उनका कहना था कि नए लगे फ़िल्टर की क्षमता से अधिक पानी आने के कारण सिल्ट जमा होने के कारण पानी मटमैला आ रहा है जिसके फिल्टर का कार्य चल रहा है।विनय किरौला ने कहा कि जहाँ पूर्व में 400 एम एम की बारिश भी 3-4 दिन में होती थी,किंतु वर्तमान में हो रही अचानक बारिश की स्थिति को देखते हुए उचच क्षमता के फ़िल्टर लगाने की आवश्कता थी।जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।ज्ञापन देने वालो में विनय किरौला सहित नरेंद्र सिंह बंगाइनरी,सुजीत टम्टा, के0पी0जोशी,रमुली देवी,प्रकाश सिंह बिष्ट,किशन सिंह राणा,आनंद सिंह लटवाल,आनन्द सिंह बिष्ट,दिनेश जोशी,शेर सिंह बिष्ट,देवेंद्र सिंह नेगी,जीवन चंद्र तिवारी,रघुवर सिंह मेहता,लक्मन सिंह लटवाल, कमला जोशी,मोहन सिंह गुसाईं,श्याम सुंदर रावत,राम सिंह रावत सहित दर्जनों लोग थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *