अल्मोड़ा-उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड जनपद अल्मोड़ा के सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि सरकार कार्मिको की मांगों के प्रति गंभीर नहीं है।इसके साथ ही मंहगाई भत्ता जैसे मुद्दे पर भी खामोश है।सरकार द्वारा टालमटोल नीति अपनाई जा रही है।एक दो मांगों पर आंशिक विचार करके चाहे उसका अनुपालन हो न हो कोई मतलब नहीं पर विचार करती है।शिथिलीकरण शासनादेश को तीस जून 22 से लटका कर दिसंबर 23 में दिया है और जून 24 तक के लिए दिया गया है ऐसे में सरकार स्पष्ट करें कि तीन चार महीने लोकसभा आचार संहिता में निकल जायेंगे शेष दो महीने में सभी विभागों को शिथिलीकरण का लाभ कैसे मिलेगा यह यक्ष प्रश्न है। उन्होंने कहा कि कार्मिको के मांग पत्र को लगभग अनसुना किया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि सरकार संवेदनशील नहीं रही और उल्टा हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है।मंहगाई भत्ता जो कि केंद्र के समान ही राज्य सरकार देने को बाध्य है लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए हैं।जिस राज्य को बनाने के लिए 94 दिन का योगदान कार्मिको,शिक्षकों ने दिया था आज उन्ही को हाशिए में खड़ा कर दिया गया है।सरकार को सभी लंबित मांगों पर विचार करते हुए शासनादेश जारी करने चाहिए और मंहगाई भत्ते की घोषणा करनी चाहिए।जनपद अध्यक्ष अल्मोड़ा डा मनोज कुमार जोशी ने भी कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार कार्मिको,शिक्षकों की मांगो पर कार्यवाही कर शासनादेश जारी करना चाहिए।शिक्षकों,कार्मिको के योगदान को नहीं भुलना चाहिए।
