अल्मोड़ा-श्री लक्ष्मी भंडार हुक्का क्लब में रामलीला महोत्सव पंचम दिवस जारी रहा।जिसमें दर्शकों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता रहा।पंचम दिवस के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान,पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, पूर्व युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा कुंदन लटवाल,डा लक्ष्मण सिंह,त्रिलोचन जोशी,दिनेश मठपाल, मंत्री प्रतिनिधि जगदीश नगरकोटी, मनोज लटवाल उपस्थित रहे।लीला का आरंभ मुनि सुतिक्षण की प्रतीक्षा और पंचवटी में प्रभु राम,सीता तथा लक्ष्मण के आगमन से हुआ जहाँ उनके लिए आश्रय की व्यवस्था की गई।इसके बाद रावण की बहन सूर्पणखा का प्रवेश हुआ।वह प्रभु श्रीराम पर मोहित होकर उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है।जब प्रभु श्रीराम ने उसे लक्ष्मण के पास भेजा और लक्ष्मण ने भी स्वयं को सेवक बताकर उसे पुनः राम के पास भेज दिया तो सूर्पणखा क्रोधित होकर माता सीता पर झपटने लगी।प्रभु के संकेत पर लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी,अपमानित सूर्पणखा पहले त्रिशरा फिर अपने भाइयों खर और दूषण के पास गई।बदले की आग में जलते हुए दोनों भाई प्रभु श्रीराम से युद्ध करने आए।भीषण युद्ध के बाद प्रभु राम ने त्रिशरा सहित दोनों राक्षसों का वध कर दिया।जैसे ही खर-दूषण धराशायी हुए,देवताओं द्वारा पुष्पवर्षा की गई और पूरा मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।त्रिशरा और दोनों भाइयों खर दूषण के वध के बाद अपमानित शूर्पणखा अपने कटे हुए नाक-कान के साथ रोती-बिलखती लंका में अपने भाई रावण के पास पहुँची।उसने रावण को श्री राम और लक्ष्मण से बदला लेने के लिए उकसाया और पूरी घटना का वृत्तांत सुनाया।शूर्पणखा की बात सुनकर रावण ने सीता का हरण करने की योजना बनाई।उसने अपने मामा मारीच को एक मायावी सुनहरे हिरण का रूप धारण कर पंचवटी जाने का आदेश दिया,ताकि सीता को आकर्षित किया जा सके।सीता उस अद्भुत हिरण को देखकर मोहित हो गईं और श्री राम से उसे पकड़ कर लाने का आग्रह किया।श्री राम हिरण का पीछा करते हुए दूर जंगल में चले गए।जब राम का बाण मारीच को लगा तो मरते समय उसने राम की आवाज़ में हा लक्ष्मण हा सीते कहकर ज़ोर से चिल्लाया।इस छल भरी आवाज़ को सुनकर सीता चिंतित हो गईं और लक्ष्मण को राम की सहायता के लिए जाने का आदेश दिया।इसी बीच रावण भिक्षु के वेश में आया और सीता का हरण कर ले गया।इस लीला राम की भूमिका में प्रियंका भट्ट, लक्ष्मण गायत्री तिवारी,सीता वर्षा त्रिपाठी,रावण मनोज साह,मारीच शगुन त्यागी,सूर्पणखा का अभिनय शगुन त्यागी,हर्षिता तिवारी,रिया और वैशाली वाणी ने,खर की भूमिका हिमांशु कांडपाल ने और दूषण का अभिनय जगत मोहन जोशी ने त्रिशरा मे रोहित साह ने प्रभावशाली ढंग से किया।रूप सज्जा का कार्य त्रिभुवन गिरी और हर्षवर्धन वर्मा,मीनाक्षी अग्रवाल,मीनाक्षी जोशी के द्वारा किया गया, जबकि संपूर्ण लीला का संयोजन राजेंद्र तिवारी पूर्व सभासद ने रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से कराया।इस अवसर पर मुख्य रूप से धरनीधर पांडे,विनीत बिष्ट,हरेंद्र वर्मा,चंद्रशेखर कांडपाल, राजेंद्र तिवारी,पूर्व सभासद विजय चौहान,दीवान बिष्ट,अजय चौहान, रोहित साह,अजय साह,रोहित साह,त्रिभुवन गिरी महाराज,ललित मोहन साह,मनोज साह,अभय शाह, विनोद गिरी गोस्वामी,नारायण सिंह बिष्ट,राजा पांडे,सुमित शाह,दीक्षा साह,सुबोध नयाल,पूजा थापा, आकांक्षा आर्या,मीनाक्षी अग्रवाल, मीनाक्षी जोशी,चम्पा जोशी,अजय साह,संजय साह,सुंदर जनौटी,कमल वर्मा,अंकित कुमार, हर्षवर्धन वर्मा, यश साह,अभय उप्रेती,कंचन बिष्ट, अमित साह,नीलम भट्ट,हर्षित जोशी, मानस वाणी,अंकित बोरा,ममता वाणी,गौरव तिवारी,हर्षिता तिवारी, शगुन त्यागी,साक्षी जोशी,पलक तिवारी आदि अनेक लोग उपस्थित रहे।