अल्मोडा़-पूर्व संसदीय सचिव एवम् अल्मोडा़ के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने देश और समाज में लगातार बढ़ रही महिला हिंसा और उत्पीड़न पर गहरी चिंता जताई है।आज जारी बयान में पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि उत्तरप्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती के साथ बलात्कार और जघन्य हत्या उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की नाकामयाबी को स्पष्ट प्रदर्शित करती है।प्रशासन और पुलिस यदि मुस्तैद होती तो इस प्रकार की घटनाओं पर सख्ती से लगाम लगाई जा सकती थी।उन्होंने कहा कि इस तरह की अमानवीय घटना कथित रूप से सुशासन वाली योगी सरकार पर सवाल खड़ा करती है।उन्होंने कहा कि इतने दिन से जो वाकया चल रहा है उससे साफ प्रदर्शित होता है कि ताकत के गुमान में कानूनों के पेचों को खत्म करने के लिए आरोपी सबूतों को खत्म करने का प्रयास कर रहे है।श्री तिवारी ने इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से आगे आकर अविलम्ब फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाकर आरोपियों के लिए कठोर दण्ड की मांग की है।उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न की ऐसी घृणित घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जा सकता।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बिटिया के साथ गैंगरेप एवम् गंभीर मारपीट होने के बाद उसकी मृत्यु हो गईं,परन्तु स्थानीय प्रशासन व भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए पूरे मामले को दबाने की कोशिश करते हुए अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रहें हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।श्री तिवारी ने कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को बख्शा नही जाना चाहिए।श्री तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है।महिलाओं की सुरक्षा का नाम ओ निशान नहीं है।अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं।उन्होंने गैंगरेप पीड़िता की मौत मामले के अपराधियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए आरोपियों के लिए कठोर दण्ड की मांग की।