अल्मोड़ा-आप पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कोरोना काल में प्रदेश की चरमराती स्वास्थय सेवाओं पर जमकर निशाना साधा है।आप उपाध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जनता की सेहत के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।कोरोना संक्रमण रोकने में सरकार पहले ही पूरी तरह से नाकाम साबित हो चुकी है।कोरोना के कारण और सरकार की कमियों के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा।लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश में स्वास्थय सेवाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है और सरकार पुरानी गलतियों से सबक लेने के बजाय अब भी लापरवाही कर रही है जिसका ताजा उदाहरण है हल्द्वानी में नया बना कोविड अस्पताल जिसे बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ था और पहली बारिश ने सरकार की लापरवाही की पोल खोल दी।35 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल में बारिश होते ही छतों से पानी टपकने लगा,अस्पताल की गैलरियों में पानी बहने लगा जो साफ तौर पर स्वास्थ्य महकमे की घोर लापरवाही है।अमित जोशी ने बताया कि हल्द्वानी में 35 करोड की लागत से बना फेब्रिकेटेड कोविड अस्पताल लोकार्पण के चौथे दिन ही बारिश होते ही टपकने लगा। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ द्वारा निर्मित ये फेब्रीकेटेड अस्पताल कोविड को देखते हुए 21 दिनों में तैयार किया गया,लेकिन ये करोडों रुपयों से बना अस्पताल बरसात से पहले ही एक भी बारिश नहीं झेल पाया।इसकी छत कई जगह से टपकने की वजह से अस्पताल के भीतर कई जगह पानी भर गया।तेज बारिश के कारण मरीजों के लिए लगाई गई ऑक्सीजन लाईन भी पानी में डूब गई और शौचालय तक पानी से भर गए,जिससे मरीजों को काफी दिक्कतें का सामना करना पड़ा।अगर हालत ऐसे ही रहे तो बरसात में बारिश का पानी मरीजों के वार्ड तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी।उन्होंने बताया कि 2 जून को सीएम ने इसका वर्चवल लोकार्पण किया था और 9 जून को इसे कोविड मरीजों के लिए खोल दिया गया था,लेकिन महज 4 दिनों में ही पहली ही बारिश ने करोडों रुपयों से बने अस्पताल की पोल खोल कर रख दी।अमित जोशी ने कहा कि इस अस्पताल को 500 बेड का बनाया गया,जिसमें 375 ऑक्सीजन बेड शामिल हैं।इसमें 125 आईसीयू बेड समते बच्चें के लिए भी 40 बेड लगाए गए हैं लेकिन पहली ही बारिश से ये अस्पताल पानी पानी हो गया है।उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में कई मंहगी मशीनें और उपकरण रखे गए हैं, लेकिन जिस तरह से ये अस्पताल महकमे की लापरवाही के चलते पहली बारिश में पानी से भर गया ,तो क्या यहां रखे सरकारी उपकरणों पर यकीन किया जा सकता है जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।आप उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्य की स्वास्थय सेवाएं पहले से ही भगवान भरोसे रही हैं,यहां बीते 20 सालों में दोनों ही दल पहाडों से लेकर मैदान में डाॅक्टरों की व्यवस्था करने में नाकाम रहे हैं।ऐसे में करोडों रुपयों से बने अस्पताल का पहली ही बारिश ना झेल पाना वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने कहा कि अभी तो बरसात शुरु भी नहीं हुई है और जब बरसात शुरु होगी तो कैसे इस अत्याधुनिक अस्पताल पर भरोसा किया जा सकता है।प्रदेश में पहले से ही अस्पतालों का टोटा बना हुआ है और जब ऐसे में करोडों की लागत से फेब्रिकेटेड अस्पताल का निर्माण किया गया तो वो भी पहली बारिश में टपकने लगा जो राज्य सरकार की जनता के प्रति संवेदनहीनता को बताने के लिए काफी है।
