रामनगर-उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने राज्य भर में पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत सफाई कर्मियों की मांगों का समर्थन किया है।धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि जिस तरह से सरकार सफाई कर्मियों की मांगों की उपेक्षा कर रही है यही कारण है कि उनको पूरे राज्य में धरना देने पर मजबूर होना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि उन्होंने इसीलिए मुख्यमंत्री को 4 मार्च 2020 में ज्ञापन दिया था परंतु सरकार ने कोई भी कदम उठाना उचित नहीं समझा।उन्होंने कहा कि जिस तरह से सफाई, व्यक्तियों के जीवन का अहम हिस्सा है।उसी तरह से सफाई कर्मचारियों को भी महत्व दिया जाना चाहिए और संविदा पर काम कर रहे मोहल्ला स्वच्छता समिति में काम कर रहे हैं दैनिक वेतन पर काम कर रहे हैं आउट सोर्स उपनल में काम करे रहे लोगों को नियमित किया जाना चाहिए।उन्होंने ठेका प्रथा को सफाई कर्मियों के शोषण का प्रतीक बताया।उन्होंने शासनादेश संख्या 757 दिनांक 12 जून 2015 के ढांचे में संशोधन किए जाने की मांग की।जिसमें सफाई कर्मियों के आउटसोर्सिंग के पद के स्थान पर स्थाई पद दिए जाने की मांग की गई थी।उन्होंने केंद्रीय कर्मचारियों की नियमावली में संशोधन किए जाने व पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक,पर्यावरण पर्यवेक्षक,सफाई निरीक्षक,चालक आदि पदों पर पदोन्नति का लाभ दिए जाने की भी मांग की।उन्होंने सफाई कर्मियों के मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन किए जाने और पर्यावरण मित्रों के ऐसे मृतक आश्रितों को जिनके परिवार में सरकारी सेवक हैं को नियुक्ति प्रदान किए जाने की मांग की।उन्होंने वर्तमान में प्रचलित पेंशन योजना एन पी एस के स्थान पर सफाई कर्मचारी नियमों की वर्ष 2005 से पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की भी मांग की।धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सफाई कर्मचारियों का कई बार नाले व सीवर में जाने पर मौत हो जाती है।इसलिए उनका जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा भी सरकार को कराना चाहिए।उन्होंने सरकारी सफाई कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति ही भत्ते दिए जाने की मांग की।उनके कपडो की धुलाई के मूल्यों में वृद्धि किए जाने की भी मांग की।उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को निकायों द्वारा बनाए गए आवासों पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए।उन्होंने भूमिहीन वाल्मीकि समाज के लोगों का स्थाई निवास प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र प्राथमिकता के साथ निर्गत किए जाने की मांग की।उन्होंने इस बात पर विनियमितीकरण नियमावली 2013 में संशोधन करते हुए उक्त नियमावली से आच्छादित कर्मचारी की मृत्यु उपरांत मृतक आश्रित को मृतक आश्रित नियमावली 1974 का लाभ देते हुए प्रदान की जानी चाहिए।उन्होंने सफाई कर्मचारियों को प्रणाम करते हुए उन्हें सफाई सैनिक घोषित किए जाने की मांग की।उन्होंने पर्यावरण मित्र पदनाम को संबोधित करते हुए सफाई सैनिक का नाम दिए जाने को सफाई कर्मियों के लिए ज्यादा गौरवशाली बताया।धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सफाई कर्मचारियों द्वारा दूसरे चरण में 8 अप्रैल से 3 दिन का सांकेतिक धरना करने के बाद अब 1 मई से फिर से सड़कों पर हैं परंतु सरकार है कि उनकी सुनवाई नहीं कर रही है।उन्होंने शहरी विकास मंत्री और मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है।इस बीच धीरेंद्र प्रताप जो आज रामनगर नैनीताल में थे सफाई कर्मियों के सत्याग्रह में शामिल हुए और उनकी मांगों का पुरजोर समर्थन किया।इस मौके पर उन्हें सफाई कर्मियों की तरफ से अध्यक्ष हरलाल ने एक ज्ञापन दिया जिस पर धीरेंद्र प्रताप ने तत्काल कार्यवाही की आश्वासन दिया।इस मौके पर उनके साथ राज्य आंदोलन के बड़े नेता प्रभात,समिति के सचिव नरेंद्र सोठियाल और मनीष कुमार भी मौजूद थे।