अल्मोड़ा-उत्तराखंड nsui प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट व अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान लॉन्च किया गया।इस अवसर पर गोपाल भट्ट ने कहा कि विभिन्न जिलों में भी लगातार कार्यकर्ताओ और छात्र नेताओं से सम्पर्क करके अभियान में तेजी लाई जा रही हैं।नैशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आज उत्तराखंड में शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान की शुरुआत की।गोपाल भट्ट ने कहा कि नयी शिक्षा नीति केंद्रीकरण व शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देती है।साथ ही यह शिक्षा विरोधी नीति तब लायी गयी जब पूरे देश में कोविड कहर का दौर था।उन्होंने कहा कि उद्देश्य साफ है कि मोदी सरकार शिक्षा को भी सिर्फ अमीरों के लिए एक सुविधा जैसा बनाना चाहती है।गरीब बच्चों के भविष्य के साथ यह सीधा खिलवाड़ है।सरकारी संस्थानों के निजीकरण से देश के युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे।अब तो नयी शिक्षा नीति भी निजीकरण को बढ़ावा दे रही या है तो गरीब जाए तो जाए कहा।साथ ही SSC,NEET, JEE जैसे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटाले सामने आना व युवाओं को वर्षों तक नौकरी नहीं देना यह साफ बताता है कि मोदी सरकार छात्र विरोधी है।अगर हम छात्र वर्ग के लिए कोई नीति बना रहें हैं तो हमारा कर्तव्य बनता हैं कि हम उनसे चर्चा करे। लेकिन वर्तमान सरकार की आदत बन चुकी हैं कि सभी कार्य तानाशाही तरीके से लागू करते हैं।Nsui कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई हैं तब से छात्रों की फैलोशिप एवं स्कॉलरशिप रोकी जा रहीं हैं,प्रवेश परीक्षाओं में घोटाले हो रहें हैं तथा परीक्षाओं के परिणाम देरी से आ रहे हैं।जिसके कारण छात्रों के दो से तीन साल बर्बाद हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि एनएसयूआई केंद्र सरकार से मांग करती हैं कि केंद्रीय स्तर एवं प्रदेश स्तर पर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में आयु सीमा में कम से कम दो साल की छूट दी जाएं।क्योंकि कोरोना काल में छात्रों के दो साल पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।गौरतलब है कि कोरोना काल के नुकसान के बाद छात्र अब तक नुकसान से नहीं उबर पाए है और NSUI के इस आंदोलन ने छात्रों की मांगों को आवाज दी है।गोपाल भट्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में लगातार सेल्फ फाइनेंस के नाम पर पहाड़ के छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है।जिसकी लड़ाई हम सबको मिलकर लड़नी होगी।शिक्षा सस्ती और निशुल्क होने के बजाय दिन प्रतिदिन महँगी होती जा रही हैं भाजपा सरकार युवा और छात्र विरोधी हैं।