बागेश्वर-दीया ग्रुप ने जन्माष्टमी के अवसर पर कपकोट में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसका टॉपिक जनमाष्टमी और भारतीय संस्कृति पर प्रभाव था।जिसमें अनेक बच्चों के द्वारा भागीदारी की गयी।बच्चों के द्वारा जन्माष्टमी का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव पर विभिन्न विचारों को निबंध के माध्यम से बताया गया।दीया ग्रुप के सदस्य गंगा सिंह बसेड़ा ने बच्चों को जन्माष्टमी के महत्व व श्रीकृष्ण के किरदार से सीख लेने के लिए प्रेरित किया और बताया कि यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है,खासकर हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा में।भागवत पुराण (जैसे रास लीला या कृष्ण लीला) के अनुसार कृष्ण के जीवन के नृत्य-नाटक की परम्परा,कृष्ण के जन्म के समय मध्यरात्रि में भक्ति गायन, उपवास (उपवास),रात्रि जागरण (रात्रि जागरण) और एक त्योहार (महोत्सव) अगले दिन जन्माष्टमी समारोह का एक हिस्सा हैं।यह मणिपुर,असम,बिहार, पश्चिम बंगाल,ओडिशा,मध्य प्रदेश, राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र,कर्नाटक, केरल,तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश तथा भारत के अन्य सभी राज्यों में पाए जाने वाले प्रमुख वैष्णव और गैर-सांप्रदायिक समुदायों के साथ विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है।कृष्ण जन्माष्टमी के बाद त्योहार नंदोत्सव होता है जो उस अवसर को मनाता है जब नंद बाबा ने जन्म के सम्मान में समुदाय को उपहार वितरित किए।कृष्ण देवकी और वासुदेव अनकदुंदुभी के पुत्र हैं और उनके जन्मदिन को हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है, विशेष रूप से गौड़ीय वैष्णववाद परंपरा के रूप में उन्हें भगवान का सर्वोच्च व्यक्तित्व माना जाता है।जन्माष्टमी हिंदू परंपरा के अनुसार तब मनाई जाती है जब माना जाता है कि कृष्ण का जन्म मथुरा में भाद्रपद महीने के आठवें दिन (ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त और 3 सितंबर के साथ ओवरलैप) की आधी रात को हुआ था।कृष्ण का जन्म अराजकता के क्षेत्र में हुआ था। यह एक ऐसा समय था जब उत्पीड़न बड़े पैमाने पर था,स्वतंत्रता से वंचित किया गया था,बुराई हर जगह थी और जब उनके मामा राजा कंस द्वारा उनके जीवन के लिए खतरा था।जिसको उन्होंने सहन करके संकट से अपने जीवन को उबारा,उन्होंने हमेशा सत्य को स्थापित करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया।इस अवसर पर गिरीश मिश्रा ने परीक्षक की भूमिका निभायी और भगवान कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डाला।बच्चों को पुरुस्कार दिव्या मिश्रा के द्वारा दिया गया।निबंध प्रतियोगिता में नेहा दानू प्रथम,दीया कपकोटी द्वितीय और प्रियंका जोशी तृतीय स्थान पर रही विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया।इस अवसर पर अखिलेश चौहान,गंगा सिंह बसेड़ा,नंदन सिंह,गिरीश मिश्रा,दिव्या मिश्रा,राजेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।