अल्मोड़ा-आज प्रैस को जारी एक बयान में अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं और प्रदेश सरकार,स्थानीय विधायक,स्थानीय सांसद तथा जल संस्थान के अधिकारी पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं।उन्होंने कहा कि करोड़ो रूपये की कीमत से बना इंटकवेल सफेद हाथी साबित हो रहा है।लगातार इस इंटकवेल की एस आई टी जांच की बात कांंग्रेस पार्टी एवं स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री के कथनानुसार अभी तक इस एस आई टी जांच का प्रारम्भ ना होना स्पष्ट करता है कि इस इंटकवैल के निर्माण में अनियमितताएं हुई हैं।उन्होंने तत्काल इस इन्टकवैल निर्माण,कार्यदायी संस्था की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।श्री तिवारी ने कहा कि बढ़ा अफसोस होता है जब छोटे छोटे बच्चे,महिलाएं अल्मोड़ा में दूर दूर नौलों से पानी ढोटे नजर आते हैं।उन्होंने कहा कि क्या भाजपा के सांसद और विधायक इस बात से अनभिज्ञ हैं कि अल्मोड़ा में लोगों को अपना सारा काम काज छोड़कर दूर दूर से पानी भरना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि स्थानीय विधायक जल संस्थान के अधिकारियों को भी सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए आदेशित नहीं कर पा रहे।उन्होंने कहा कि जनता का प्रतिनिधि होने के नाते स्थानीय विधायक ने जल संस्थान के आला अधिकारियों को सख्त लहजे में आदेशित करना चाहिए या फिर स्थानीय विधायक स्वीकार करें कि अफसरशाही के आगे उन्होंने घुटने टेक दिये हैं।श्री तिवारी ने कहा कि डबल इंजन सरकार का हल्ला करने वाली इस भाजपा सरकार में जब जल संस्थान के अधिकारियों पर ही भाजपा के विधायक का बस नहीं चलता और भाजपा विधायक जब अल्मोड़ा की जनता को पेयजल ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।उन्होंने कहा कि इंटकवैल बनने के बाबजूद भी मटमैला पेयजल जनता को जल संस्थान उपलब्ध करवा रहा है।क्यों जल संस्थान के अधिकारी और स्थानीय विधायक इस पर भी आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं?उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि सबसे पहले तो इंटकवैल की एस आई टी जांच की जाए और साथ ही कार्यदायी संस्था सहित इंटकवैल बनाने वाले ठेकेदार को भी इस जांच में शामिल किया जाए ताकि जनता के सामने स्पष्ट हो कि करोड़ो से बने इस इंटकवेल निर्माण में कितने रूपयों की बंदरबांट हुई है?उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस इंटकवेल की एस आई टी जांच से लगातार बचती आ रही है जो कहीं ना कहीं प्रदर्शित करता है कि इस इंटकवेल निर्माण में भारी अनियमितताएं हुई हैं तथा प्रदेश सरकार अपने चहेतों को बचाने का काम कर रही है।श्री तिवारी ने कहा कि यदि अविलम्ब प्रदेश सरकार के द्वारा इंटकवेल की एस आई टी जांच नहीं करवाई गयी एवं अल्मोड़ा की पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं की गयी तो मजबूर होकर कांंग्रेस पार्टी स्थानीय विधायक, प्रदेश सरकार और जल संस्थान के विरूद्ध मोर्चा खोलने के लिए मजबूर होगी।