बागेश्वर-आज जारी एक बयान में बागेश्वर के समाजसेवी गंगा सिंह बसेड़ा ने कहा कि एक तरफ राजनेताओं और अन्य कर्मचारियों की तनख्वाह समय के साथ बढ़ते रहती है लेकिन दूसरी तरफ जाड़ा,बारिश,धूप,तीज त्यौहार,चुनाव व्यवस्था,राजनेताओं के आगमन,आपदा आदि परिस्थितियों में खाकी पहनने वाले सिपाही 24 घंटे प्रदेश में अमन शांति की रखवाली करते हैं तथा उनके ऊपर अनुशासन की सख्त डोर है।कानून के रखवालों पर खुद कानून की बंदिश डाल दी जाती हैं।यह फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसे संवैधानिक मूल अधिकार का उपयोग नहीं कर सकते हैं।ना ही आम सरकारी नौकरों की तरह खुलकर अपनी बात रख सकते हैं।ना ही खुद परचम लहरा कर सड़कों पर उतर सकते हैं।श्री बसेड़ा ने कहा कि ट्रेड यूनियन के सदस्यों की तरह हड़ताल की धमकी नहीं दे सकते ना ही सोशल मीडिया में अपनी बातों को रख सकते हैं।इन सब के होते हुए भी विरोध की ज्वाला कहीं ना कहीं इनके अंदर पनप रही है जिसका परिणाम हमने कुछ समय पूर्व देखा जब पुलिसकर्मियों की पत्नियां,बेटे- बेटियां और रिश्तेदार सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने के लिए उतर आए थे।उन्होंने बताया कि विवाद है सिपाहियों के 4600 ग्रेड पे का है जिसका बीज 7 साल पहले ही पड़ गया था।उत्तराखंड पुलिस में सिपाहियों की पहली भर्ती 2001 में हुई थी उस समय पदोन्नति के लिए तय समय सीमा 8 वर्ष,12 वर्ष,22 वर्ष थी।सिपाहियों की भर्ती के समय 2000 ग्रेड पर होता है उसके बाद 8 साल बाद उन्हें 2400 ग्रेड पे मिलता है,12 साल बाद 4600 और 22 साल की सेवा के बाद 4800 ग्रेड पे दिए जाने का प्रावधान था।अब इस बेच के सिपाहियों को वर्ष 2013 में 4600 ग्रेड पे का लाभ मिलना था लेकिन इससे पहले ही सरकार ने बदलाव कर दिया उस वक्त कहा अब यह लाभ उन्हें नई नीति 10वर्ष,16वर्ष, 26 वर्ष के आधार पर मिलना है।ऐसे में इन सिपाहियों को अब वर्ष 2017 में 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था मगर उससे पहले ही समय सीमा को बढ़ाकर 10 वर्ष,20 वर्ष व 30 वर्ष का स्लैब कर दिया।इस हिसाब से इस साल 2001 के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था लेकिन इस पर भी वर्तमान समय में संशोधन किया जा रहा है जिसको लेकर सभी पुलिसकर्मियों में खासा आक्रोश है।श्री बसेड़ा ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस की नियमावली को बिना संशोधन के चलाया जा रहा है जैसे बनी थी उसी प्रकार आगे स्कोर बढ़ाया जा रहा है। इसमें ना तो कोई निश्चित टाइम पर प्रमोशन का इस समय तय किया गया है,ना ही ग्रेड पे को लेकर अनिश्चित प्रणाली तय की गई है इस प्रकार की प्रणाली को लेकर सभी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रहने वाले पुलिसकर्मियों को खुद की असुरक्षा का ख्याल सताने लगा है जल्दी से जल्दी सरकार ने इस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस कर्मियों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।डीजीपी उत्तराखंड की तरफ से भी पुलिसकर्मियों को आश्वस्त किया गया है कि वे सरकार से लगातार बातचीत कर रहे हैं और जरूर इस पर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।श्री बसेड़ा ने कहा कि अविलम्ब पुलिसकर्मियों की इस समस्या पर सरकार को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।