अल्मोड़ा-आज ग्राम प्रधान संगठन जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार को मनरेगा के अंतर्गत एन एम एम एस के माध्यम से उपस्थिति का विरोध विषयक ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि मनरेगा के अंतर्गत दिनांक 1 जनवरी 23 से राज्य में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू किया गया है जिसका प्रधान संगठन विरोध करता है।उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थिति होने के कारण अधिकांश गांव में नेटवर्क नहीं है कई किलोमीटर पैदल मार्ग हैं ऐसे में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना संभव नहीं है।MIS साइट को दिनों दिन जटिल बनाया जाना MIS में आधार FTO,भुगतान की समस्या,ग्राम प्रधानों एवं संबंधित कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण प्रदान किए बिना ही नए सिस्टम को लागू किया जा रहा है।मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में 20 से अधिक कार्यों का ना होना।महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना एक ऐसी योजना है जिससे ग्राम पंचायतें अपने ग्राम पंचायत क्षेत्रों में विकास कार्य अधिक करती थी।आज भी पंचायतों में कार्य की अधिकता रहती है लेकिन 20 ही कार्य किए जाने की बाध्यता होने के कारण कार्य नहीं हो पा रहे हैं।कई फाइलों का समय से सामग्री,भुगतान एवं कुशल मजदूरी ना होने के कारण कई माह तब फाइलें गतिमान रहती हैं।जबकि पूर्व में जिन फाइलों का मेटेरियल एवं कुशल मजदूरी भुगतान शेष रहता था उनको फिजिकली क्लोज्ड ऑप्शन के माध्यम से बंद कर दिया जाता था ताकि कार्य ग्राम पंचायतों में सुचारू रूप से गतिमान रहे परंतु अब उस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।जिससे ग्राम पंचायतों में विकास की गति वर्तमान में शून्य है।केन्द्रीय वित्त से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली 15 वित्त की धनराशि आज दिन तक ग्राम पंचायतों को नहीं मिली है जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पूर्ण रूप से ठप है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 22,23 की कार्य योजना पर एक भी कार्य नहीं हुए हैं।जबकी पंचायती राज विभाग द्वारा जनवरी माह तक आगामी वित्तीय वर्ष की कार्य योजना बनाने का फरमान जारी किया गया है।आपके द्वारा पूर्व में ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि 10000 तथा ग्राम पंचायत आपदा निधि के रूप में 10000 देने की घोषणा की थी जो मांगे आज दिन तक पूर्ण नहीं हुई है जिससे ग्राम प्रधान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।यदि जल्द ही मांगों पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो 9 जनवरी 2023 को उत्तराखंड के प्रत्येक विकासखंडों में समस्त ग्राम प्रधानों द्वारा धरना दिया जाएगा और मनरेगा कार्य का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष प्रधान संगठन अल्मोड़ा धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी,प्रदेश महासचिव गोपाल तिवारी,प्रधान कटारमल बलवीर सिंह,प्रधान बाड़ी किशन सिंह,प्रधान बख देवेंद्र सिंह,प्रधान प्रतिनिधि सरसों नवीन सिंह,ब्लॉक अध्यक्ष देव सिंह भोजक,प्रधान रैखोली हेम भंडारी आदि मौजूद थे।

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