अल्मोड़ा-अल्मोड़ा नगर की ख़त्याडी की होनहार ताइक्वांडो खिलाड़ी श्रीमती वंदना भंडारी अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता राष्ट्रीय रैफरी द्वितीय डिग्री ब्लैक बेल्ट आज भी लगातार खेल उपलब्धियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होकर आज बालिकाओं को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ आत्मरक्षा के गुण सिखा रही है जो अपने आप में मिसाल है।ताइक्वांडो खिलाड़ी वंदना भंडारी का जन्म 16 जनवरी 1995 को श्रीमती श्यामा देवी एवं सोमपाल सिंह के घर पर हुआ था।बचपन में ही चंचल और होनहार विद्यार्थी वंदना की प्रारंभिक शिक्षा बीरशीबा स्कूल और कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा जीजीआईसी अल्मोड़ा में एवं आगे की शिक्षा एसएसजे केंपस अल्मोड़ा में हुई।उन्होंने एम एस सी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की,साथ ही योग में डिप्लोमा एवं बी पी एड,डीएलएड की डिप्लोमा भी हासिल किया।वे वर्तमान में नगर के प्रतिष्ठित मानस पब्लिक स्कूल में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।उनके द्वारा पढ़ाई के साथ-साथ एवं खेल में सराहनीय उपलब्धियां अर्जित कर कई कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।कमल कुमार बिष्ट ताइक्वांडो कोच के प्रशिक्षण में छोटी सी उम्र लगभग 12 वर्ष की आयु में खेल से जुड़ी एवं अपने प्रशिक्षक कमल कुमार के मार्गदर्शन और बेहतर तरीके से सिखाने की कला में धीरे-धीरे रुचि लेकर लगातार अभ्यास आज तक करती आ रही है।तब से लेकर आज तक उन्होंने अनेक उपलब्धियां हासिल कर खिलाड़ी के तौर पर और रेफरी के साथ साथ ताइक्वांडो खेल का प्रशिक्षण देना भी पिछले कई सालों से लगातार जारी रखा।वे लंबे समय से खिलाड़ियों को ताइक्वांडो प्रतियोगिता और आत्मरक्षा के साथ-साथ स्वस्थ सुरक्षित रहने का विशेष अभ्यास दे रहे रही हैं।स्कूल गेम,ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी,राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर के पदक हासिल कर चुकी है।वह लगभग 30 नेशनल में प्रतिभाग कर 20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर चुकी है।24वी नेशनल सब जूनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2006 में प्रतिभाग,27 वी नेशनल सब जूनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2008 में प्रतिभाग,53वी नेशनल स्कूल गेम्स में प्रतिभाग,28 वी नेशनल जूनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2008 में प्रतिभाग कर स्वर्ण,29वी नैशनल जूनियर 2009 में प्रतिभाग,55वी नेशनल स्कूल गेम्स प्रतियोगिता वर्ष 2009 में प्रतिभाग कर कांस्य पदक, तृतीय केशव ओपन राष्ट्रीय कैश प्राइज जूनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2009 में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक, प्रथम राष्ट्रीय इंटर जोन जूनियर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रजत पदक,प्रथम राष्ट्रीय इंटर जोन सीनियर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक,चौथी अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर कांस्य पदक,32 वी नेशनल सीनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2012 में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक,35 वी राष्ट्रीय सीनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2013 में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वर्ष 2015-16 में प्रतिभाग कर कांस्य पदक,राष्ट्रीय ओपन सीनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2017 में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक,अंतरराष्ट्रीय सीनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2017-2018 में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक,ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वर्ष 2017 दो हजार अट्ठारह में प्रतिभाग कर कांस्य पदक,ब्लैक साल्ट 2 डिग्री 10 वर्षों से ताइक्वांडो खेल का प्रशिक्षण देने का विशेष अनुभव, नेशनल वर्कशॉप इन योग,नेशनल रेफरी के रूप में वर्ष 2018 में प्रतिभाग,केवी नेशनल स्कूल गेम्स ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2019 में रेफरी के रूप में प्रतिभाग,एमके इंटरनेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता वर्ष 2020 में ऑनलाइन रेफरी के रूप में प्रतिभाग कर अल्मोड़ा ही नहीं वर्णन पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।पिछले कई सालों से वे सामाजिक कार्यक्रमों में भी समर्पित हैं जिसमें मुख्य रुप से निशुल्क ताइक्वांडो प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाती हैं तथा आत्मनिर्भर बनाने की ओर प्रेरित करती हैं।वे लगातार समाज में जनजागृति जगाने हेतु सफाई अभियान का मुख्य हिस्सा बनी हुई है। उनके द्वारा नशा मुक्ति जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।कोविड महामारी के दौरान उनके द्वारा मास्क वितरण और सैनिटाइजेशन का विशेष कार्य किया गया और जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।लगातार वृक्षारोपण अभियान से भी जुड़ी है उनके द्वारा कल्पना कृति जन महिला जागृति समिति अल्मोड़ा के महासचिव पद पर कार्य करते हुए समिति का गठन भी किया गया है, उन्होंने कई बड़े मंच से कार्यक्रमों का सफल संचालन भी किया है,महिलाओं और लड़कियों को लगातार आगे बढ़ने और बेहतर तरीके से आत्मनिर्भर बनाने हेतु भी लगातार प्रयास कर रही है,इसके अलावा वृक्षारोपण अभियान,सफाई अभियान,नशा मुक्ति जागरूकता अभियान,बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान,महिला सशक्तिकरण।अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने कोच कमल कुमार बिष्ट को देती है।उन्होंने बताया कि कोच के सफल प्रयास,अथक परिश्रम,खेल को लेकर रुची तथा विभिन्न स्तरों पर समर्थन,मार्गदर्शन और सहयोग करते हुए उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया और विपरीत परिस्थितियों में भी साथ दिया गया।उन्होंने कहा कि कोच कमल कुमार बिष्ट के सफल नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन के साथ-साथ बेहतर तकनीक और प्रशिक्षण देने को सरल विधि ने आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।